उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
जिस क्षण मैंने यह जान लिया कि भगवान हर एक मानव शरीर रूपी मंदिर में विराजमान हैं, उस क्षण से मैं अपने सामने आने वाले हर व्यक्ति में ईश्वर की छवि देखने लगा।
तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नहीं है।
सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चा होना। स्वयं पर विश्वास करो।
किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
सत्य को हजार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।
एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो, उसका सपना देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार से भर दो, और हर दूसरे विचार को अकेला छोड़ दो। यही सफल होने का तरीका है।
तुम्हें अंदर से बाहर की तरफ विकसित होना चाहिए। कोई तुम्हें सिखा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के अलावा कोई दूसरा गुरु नहीं है।
अगर खुद पर विश्वास करना और ज्यादा विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराई और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।