💧 पानी: जीवन का अमृत
चरक और सुश्रुत संहिता के अनुसार पानी शरीर और मन का आधार है।
पानी क्यों ज़रूरी है?
विषों का निष्कासन: पानी शरीर से आम और विषैले तत्व बाहर निकालता है।
पाचन संतुलन: पाचन अग्नि को नियंत्रित करता है और ऊर्जा प्रदान करता है।
त्वचा और रक्त शुद्धि: चमकदार त्वचा और शुद्ध रक्त का आधार।
ओजस: रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में सहायक।
पर्याप्त पानी न पीने के नुकसान
निर्जलीकरण: थकान, सिरदर्द, चक्कर आना।
- पाचन समस्याएँ: अजीर्ण, कब्ज।
- किडनी स्टोन और मूत्र रोग।
- रूखी त्वचा, मुंहासे, झुर्रियाँ।
- एकाग्रता और स्मरण शक्ति में कमी।
- उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का खतरा।
कब और कैसे पिएं पानी?
- सुबह: खाली पेट गुनगुना पानी (उष: पान)।
- भोजन से पहले: 30 मिनट पहले पानी।
- भोजन के बाद: तुरंत पानी न पिएं।
- दिनभर: छोटे-छोटे घूँट लें।
- मौसम अनुसार: गर्मियों में अधिक, सर्दियों में गुनगुना पानी।
घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे
तुलसी जल: रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
धनिया जल: किडनी व मूत्राशय के लिए लाभकारी।
सौंफ का पानी: पाचन सुधारता है, ठंडक देता है।
गुनगुना पानी + शहद: वजन नियंत्रण और मेटाबोलिज्म सुधार।
कितना पानी पिएं?
सामान्य वयस्क को 2.5–3 लीटर प्रतिदिन पानी चाहिए। गर्मियों और मेहनत वाले काम में यह मात्रा और बढ़ा दें। बच्चे और बुजुर्ग अपनी क्षमता के अनुसार लें।