राजस्थान इतिहास बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ)
1. सुनारी सभ्यता, जहाँ से लोहा गलाने की प्राचीनतम भट्टियाँ (अयस्क से लोहा बनाने की भट्टियाँ) प्राप्त हुई हैं, किस जिले में स्थित है?
- सीकर
- झुंझुनूं
- नागौर
- जयपुर
उत्तर: (2) झुंझुनूं
विस्तृत उत्तर: सुनारी झुंझुनूं जिले की खेतड़ी तहसील में कांतली नदी के तट पर स्थित एक लौहयुगीन सभ्यता का स्थल है। यहाँ हुए उत्खनन से भारत की प्राचीनतम लौह अयस्क गलाने वाली भट्टियाँ मिली हैं, जो उस समय की उन्नत धातु तकनीक का प्रमाण हैं।
2. 'नैणसी री ख्यात' के लेखक मुहणोत नैणसी, राजस्थान के किस शासक के दरबारी मंत्री थे?
- जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह प्रथम
- बीकानेर के महाराजा रायसिंह
- आमेर के महाराजा मानसिंह प्रथम
- मेवाड़ के महाराणा राजसिंह प्रथम
उत्तर: (1) जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह प्रथम
विस्तृत उत्तर: मुहणोत नैणसी, जिन्हें 'राजस्थान का अबुल फजल' भी कहा जाता है, जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह प्रथम के दीवान थे। उन्होंने 'नैणसी री ख्यात' और 'मारवाड़ रा परगना री विगत' नामक प्रसिद्ध ग्रंथों की रचना की, जो राजस्थान के इतिहास के अमूल्य स्रोत हैं।
3. किस शिलालेख से मौर्यवंशी शासक धवल का उल्लेख मिलता है, जो राजस्थान में मौर्य शासन की उपस्थिति को दर्शाता है?
- घोसुण्डी शिलालेख
- कंसवा का लेख
- नगरी का लेख
- सामोली शिलालेख
उत्तर: (2) कंसवा का लेख
विस्तृत उत्तर: कोटा के निकट कंसवा (कणस्वा) गाँव से 738 ई. का एक शिलालेख मिला है, जिसमें मौर्यवंशी राजा धवल का उल्लेख है। यह शिलालेख राजस्थान में मौर्य वंश के शासन की निरंतरता पर प्रकाश डालता है।
4. नोह पुरातात्विक स्थल, जहाँ से विशालकाय 'यक्ष' की मूर्ति प्राप्त हुई है, किस जिले में स्थित है?
- अलवर
- भरतपुर
- दौसा
- करौली
उत्तर: (2) भरतपुर
विस्तृत उत्तर: नोह, भरतपुर जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। यहाँ से चित्रित धूसर मृद्भांड (PGW) संस्कृति से लेकर शुंग-कुषाण काल तक के अवशेष मिले हैं। यहाँ से प्राप्त विशालकाय यक्ष की मूर्ति (जिसे 'जाख बाबा' की मूर्ति भी कहते हैं) विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
5. गुर्जर प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है?
- वह गुर्जर प्रतिहारों की भीनमाल शाखा का संस्थापक था।
- उसने 'आदिवराह' की उपाधि धारण की थी।
- उसने अरब आक्रमणकारियों को सफलतापूर्वक पराजित किया था।
- ग्वालियर प्रशस्ति में उसे 'म्लेच्छों का नाशक' कहा गया है।
उत्तर: (2) उसने 'आदिवराह' की उपाधि धारण की थी।
विस्तृत उत्तर: 'आदिवराह' की उपाधि गुर्जर प्रतिहार वंश के प्रतापी शासक मिहिर भोज ने धारण की थी, न कि नागभट्ट प्रथम ने। नागभट्ट प्रथम ने जालौर (भीनमाल) में गुर्जर प्रतिहार राज्य की स्थापना की और सिंध से होने वाले अरब आक्रमणों को सफलतापूर्वक रोका, जिसके कारण ग्वालियर प्रशस्ति में उसे 'म्लेच्छों का नाशक' कहा गया।
6. एक ही स्थान से एक पंक्ति में स्थित सात अग्नि-वेदिकाओं के साक्ष्य किस पुरास्थल से प्राप्त हुए हैं?
- आड़
- गणेश्वर
- कालीबंगा
- बैराठ
उत्तर: (3) कालीबंगा
विस्तृत उत्तर: कालीबंगा के दुर्ग टीले के दक्षिणी भाग में एक चबूतरे पर एक पंक्ति में बनी हुई सात आयताकार अग्नि-वेदिकाएं (हवन कुंड) मिली हैं। इनमें कोयले और राख के अवशेष मिले हैं, जो यहाँ के निवासियों के धार्मिक अनुष्ठानों और यज्ञ परम्परा का संकेत देते हैं।
7. 'राजस्थान का टाटानगर' कहे जाने वाले पुरातात्विक स्थल 'रेढ़' से किस काल के सिक्कों का एशिया का सबसे बड़ा भंडार मिला है?
- मौर्यकालीन
- गुप्तकालीन
- कुषाणकालीन
- प्राचीन भारत के आहत (पंचमार्क) सिक्के
उत्तर: (4) प्राचीन भारत के आहत (पंचमार्क) सिक्के
विस्तृत उत्तर: टोंक जिले में स्थित 'रेढ़' नामक पुरातात्विक स्थल को इसकी धातु समृद्धि के कारण 'प्राचीन राजस्थान का टाटानगर' कहा जाता है। यहाँ से मालव, इंडो-ग्रीक सिक्कों के साथ-साथ प्राचीन भारत के आहत (पंचमार्क) सिक्कों का एशिया का सबसे बड़ा भंडार मिला है।
8. पद्मनाभ रचित 'कान्हड़दे प्रबन्ध' के अनुसार, अलाउद्दीन खिलजी की किस पुत्री का जालौर के राजकुमार वीरमदेव से प्रेम-प्रसंग था?
- रजिया
- मेहरुन्निसा
- फिरोजा
- चिमना बेगम
उत्तर: (3) फिरोजा
विस्तृत उत्तर: 'कान्हड़दे प्रबन्ध' में वर्णन है कि दिल्ली सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की पुत्री शहजादी फिरोजा जालौर के राजकुमार वीरमदेव से प्रेम करती थी। जब वीरमदेव ने विवाह से इंकार कर दिया, तो यह भी जालौर पर आक्रमण का एक प्रमुख कारण बना।
9. प्राचीन शिलालेखों में उल्लिखित 'अक्षपटलिक' नामक अधिकारी का क्या कार्य था?
- सेना का नेतृत्व करना
- विदेशी मामलों का मंत्री
- आय-व्यय का लेखा-जोखा रखने वाला मुख्य अधिकारी
- न्याय विभाग का प्रमुख
उत्तर: (3) आय-व्यय का लेखा-जोखा रखने वाला मुख्य अधिकारी
विस्तृत उत्तर: प्राचीन कालीन प्रशासनिक व्यवस्था में 'अक्षपटलिक' एक महत्वपूर्ण अधिकारी होता था, जिसका मुख्य कार्य राज्य के आय-व्यय का हिसाब-किताब रखना और उसे राजकीय दस्तावेजों में दर्ज करना था। यह पद आधुनिक वित्त अधिकारी के समकक्ष था।
10. सामोली शिलालेख (646 ई.), जो मेवाड़ के गुहिल शासकों के समय का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण है, किस जिले से प्राप्त हुआ है?
- चित्तौड़गढ़
- राजसमंद
- उदयपुर
- भीलवाड़ा
उत्तर: (3) उदयपुर
विस्तृत उत्तर: सामोली शिलालेख उदयपुर जिले के भोमट क्षेत्र से प्राप्त हुआ है। यह गुहिल शासक शिलादित्य के समय का है और इसमें मेवाड़ के प्रारंभिक गुहिल शासकों की उपलब्धियों का वर्णन है। यह मेवाड़ के कालक्रम को निर्धारित करने वाला एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
11. निम्नलिखित में से किस सभ्यता स्थल से हाथ से बुने हुए कपड़े का टुकड़ा मिला है?
- आहड़ और गिलूण्ड
- बालाथल और ओझियाना
- बैराठ और बालाथल
- कालीबंगा और रंगमहल
उत्तर: (3) बैराठ और बालाथल
विस्तृत उत्तर: बैराठ (जयपुर) से एक मृद्भांड के साथ सूती कपड़े का टुकड़ा मिला है। इसी प्रकार बालाथल (उदयपुर) के उत्खनन से भी हाथ से बुने हुए कपड़े का अवशेष प्राप्त हुआ है। ये साक्ष्य प्रमाणित करते हैं कि इन क्षेत्रों के निवासी कताई-बुनाई की कला से परिचित थे।
12. चीनी यात्री ह्वेनसांग ने किस गुर्जर-प्रतिहार राजधानी की यात्रा की थी और उसे अपनी पुस्तक 'सी-यू-की' में 'पो-लो-मो-लो' नाम से वर्णित किया है?
- मंडोर
- उज्जैन
- भीनमाल
- कन्नौज
उत्तर: (3) भीनमाल
विस्तृत उत्तर: प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने 7वीं शताब्दी में गुर्जर प्रतिहारों की प्रारंभिक राजधानी भीनमाल (जालौर) की यात्रा की थी। उसने अपने यात्रा वृतांत 'सी-यू-की' में भीनमाल को 'पो-लो-मो-लो' और गुर्जर राज्य को 'कु-चे-लो' के रूप में वर्णित किया है।
13. 'चार बांस, चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण, ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान।' यह प्रसिद्ध उक्ति किस कवि ने किसके लिए कही थी?
- जयानक ने पृथ्वीराज चौहान के लिए
- चंदरबरदाई ने पृथ्वीराज चौहान के लिए
- नयनचंद्र सूरी ने हम्मीर देव के लिए
- जोधराज ने हम्मीर देव के लिए
उत्तर: (2) चंदरबरदाई ने पृथ्वीराज चौहान के लिए
विस्तृत उत्तर: यह प्रसिद्ध दोहा 'पृथ्वीराज रासो' में चंदरबरदाई द्वारा पृथ्वीराज चौहान तृतीय को कहा गया माना जाता है। इसके अनुसार, तराइन के द्वितीय युद्ध के बाद बंदी बनाए गए अंधे पृथ्वीराज ने शब्दभेदी बाण से मुहम्मद गोरी को मार गिराया था।
14. ओझियाना पुरातात्विक स्थल, जो बनास संस्कृति से संबंधित है, किस जिले में स्थित है?
- उदयपुर
- भीलवाड़ा
- राजसमंद
- अजमेर
उत्तर: (2) भीलवाड़ा
विस्तृत उत्तर: ओझियाना भीलवाड़ा जिले की बदनोर तहसील में स्थित एक महत्वपूर्ण ताम्रपाषाणिक पुरास्थल है। यह बनास संस्कृति का एक विस्तारित केंद्र था। यहाँ से गाय और बैल की मृण्मूर्तियाँ तथा विशिष्ट प्रकार के मृद्भांड मिले हैं।
15. संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान राजशेखर, किस गुर्जर-प्रतिहार शासक के 'गुरु' थे?
- मिहिर भोज
- वत्सराज
- महेन्द्रपाल प्रथम
- नागभट्ट द्वितीय
उत्तर: (3) महेन्द्रपाल प्रथम
विस्तृत उत्तर: 'काव्यमीमांसा' और 'कर्पूरमंजरी' जैसे प्रसिद्ध ग्रंथों के रचयिता महाकवि राजशेखर गुर्जर-प्रतिहार सम्राट महेन्द्रपाल प्रथम के गुरु और राजकवि थे। वे महेन्द्रपाल के पुत्र महिपाल के भी गुरु रहे।
16. किस चौहान शासक ने पुष्कर में 'वराह मंदिर' का निर्माण करवाया था?
- अजयराज
- अर्णोराज
- विग्रहराज
- सोमेश्वर
उत्तर: (2) अर्णोराज
विस्तृत उत्तर: अजमेर के चौहान शासक अर्णोराज ने पुष्कर में भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित 'वराह मंदिर' का निर्माण करवाया था।
17. 'अढाई दिन का झोपड़ा' पर किस संस्कृत नाटक की पंक्तियाँ उत्कीर्ण हैं?
- ललितविग्रहराज
- हरिकेलि नाटक
- पृथ्वीराज विजय
- हम्मीर महाकाव्य
उत्तर: (2) हरिकेलि नाटक
विस्तृत उत्तर: 'अढाई दिन का झोपड़ा' जो मूल रूप से विग्रहराज चतुर्थ द्वारा निर्मित एक संस्कृत पाठशाला थी, की दीवारों और मेहराबों पर उनके द्वारा रचित 'हरिकेलि' नाटक तथा उनके दरबारी कवि सोमदेव द्वारा रचित 'ललितविग्रहराज' की कुछ पंक्तियाँ आज भी उत्कीर्ण मिलती हैं।
18. ईसवाल पुरातात्विक स्थल, जो अपने प्राचीन लौह-उद्योग के लिए जाना जाता है, किस जिले में स्थित है?
- जयपुर
- नागौर
- उदयपुर
- भीलवाड़ा
उत्तर: (3) उदयपुर
विस्तृत उत्तर: ईसवाल उदयपुर जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण लौहयुगीन स्थल है। यहाँ से प्राप्त साक्ष्य, विशेषकर बड़ी मात्रा में लौह-मल (Iron Slag), यह प्रमाणित करते हैं कि यह स्थान प्राचीन काल में लौह अयस्क निकालने और उसे गलाकर उपकरण बनाने का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र था।
19. रणकपुर प्रशस्ति (1439 ई.) में मेवाड़ के किस शासक की विजयों का वर्णन है?
- बापा रावल
- महाराणा लाखा
- महाराणा कुम्भा
- महाराणा सांगा
उत्तर: (3) महाराणा कुम्भा
विस्तृत उत्तर: रणकपुर के जैन मंदिर में लगी 1439 ई. की प्रशस्ति में मेवाड़ के गुहिल शासकों, विशेषकर बापा रावल और महाराणा कुम्भा की उपलब्धियों का विस्तृत वर्णन मिलता है। इसमें कुम्भा को एक महान विजेता, विद्वान और कला संरक्षक के रूप में दर्शाया गया है।
20. किस पुरातात्विक स्थल से 'शंख लिपि' में लिखे हुए लेखों के प्रमाण मिले हैं?
- कालीबंगा
- बैराठ
- आड़
- नगरी
उत्तर: (2) बैराठ
विस्तृत उत्तर: बैराठ (विराटनगर) से प्राप्त मौर्यकालीन अवशेषों में अशोक के शिलालेखों के अलावा 'शंख लिपि' के भी प्रमाण मिले हैं। यह एक रहस्यमयी चित्रात्मक लिपि है जिसे अभी तक पूरी तरह से पढ़ा नहीं जा सका है।
21. चौहानों की 'अग्निकुंड' से उत्पत्ति के सिद्धांत का प्रतिपादन सर्वप्रथम किस ग्रंथ में किया गया?
- पृथ्वीराज विजय
- हम्मीर महाकाव्य
- पृथ्वीराज रासो
- वंश भास्कर
उत्तर: (3) पृथ्वीराज रासो
विस्तृत उत्तर: चंदरबरदाई द्वारा रचित 'पृथ्वीराज रासो' में सर्वप्रथम इस मत का प्रतिपादन किया गया कि चौहानों सहित चार राजपूत वंशों (प्रतिहार, परमार, चालुक्य और चौहान) की उत्पत्ति गुरु वशिष्ठ द्वारा आबू पर्वत पर किए गए यज्ञ के अग्निकुंड से हुई थी।
22. गरदड़ा शैलाश्रय, जहाँ से देश की पहली 'बर्ड राइडर रॉक पेंटिंग' (पक्षी पर सवार मनुष्य का चित्र) मिली है, किस नदी के किनारे स्थित है?
- चम्बल
- कालीसिंध
- छाजा
- बनास
उत्तर: (3) छाजा
विस्तृत उत्तर: बूंदी जिले में छाजा नदी के किनारे स्थित गरदड़ा नामक स्थान पर प्राचीन शैलाश्रय मिले हैं। यहाँ प्राप्त शैलचित्रों में से एक चित्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसमें एक व्यक्ति को पक्षी पर सवारी करते हुए दिखाया गया है, जिसे भारत की प्रथम 'बर्ड राइडर रॉक पेंटिंग' माना जाता है।
23. सुमेलित कीजिए (प्राचीन नगर - वर्तमान नाम):
- अहिच्छत्रपुर
- श्रीमाल
- विराट
- उपकेश पट्टन
वर्तमान नाम: (1) नागौर, (2) जयपुर, (3) भीनमाल, (4) ओसियां
- A-1, B-3, C-2, D-4
- A-2, B-4, C-1, D-3
- A-1, B-2, C-3, D-4
- A-4, B-1, C-2, D-3
उत्तर: (1) A-1, B-3, C-2, D-4
विस्तृत उत्तर: (A) अहिच्छत्रपुर - नागौर (चौहानों की प्रारंभिक राजधानी)। (B) श्रीमाल - भीनमाल (गुर्जर-प्रतिहारों की राजधानी)। (C) विराट - बैराठ (मत्स्य जनपद की राजधानी)। (D) उपकेश पट्टन - ओसियां (प्रतिहार कालीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध)।
24. 'शकारी' (शकों का विजेता) की उपाधि किस गुप्त शासक ने धारण की थी, जिसके सिक्के राजस्थान में भी मिले हैं?
- समुद्रगुप्त
- चंद्रगुप्त प्रथम
- चंद्रगुप्त द्वितीय 'विक्रमादित्य'
- कुमारगुप्त
उत्तर: (3) चंद्रगुप्त द्वितीय 'विक्रमादित्य'
विस्तृत उत्तर: गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय ने पश्चिमी भारत के शक क्षत्रपों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 'शकारी' और 'विक्रमादित्य' की उपाधियाँ धारण की थीं। बयाना (भरतपुर) से मिले गुप्तकालीन सिक्कों के ढेर में इनके सिक्के भी बड़ी मात्रा में हैं।
25. टोंक जिले में स्थित 'नगर' पुरास्थल का प्राचीन नाम क्या था?
- खेड़ा
- कर्कोट नगर
- मालव नगर
- मध्यमिका
उत्तर: (3) मालव नगर
विस्तृत उत्तर: टोंक जिले में स्थित 'नगर' पुरातात्विक स्थल प्राचीन काल में 'मालव नगर' के नाम से विख्यात था। यह मालव गणराज्य का एक प्रमुख केंद्र था और यहाँ से बड़ी संख्या में मालव सिक्के और अन्य पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हुए हैं।
26. कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति (1460 ई.) के रचयिता कौन थे?
- देपाक
- जैता
- अत्रि भट्ट व महेश भट्ट
- गुणभद्र
उत्तर: (3) अत्रि भट्ट व महेश भट्ट
विस्तृत उत्तर: चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित कीर्ति स्तम्भ (विजय स्तम्भ) पर उत्कीर्ण प्रशस्ति की रचना का कार्य अत्रि भट्ट ने प्रारम्भ किया था, परन्तु उनकी अकाल मृत्यु के बाद उनके पुत्र महेश भट्ट ने इसे पूरा किया। इसमें महाराणा कुम्भा की उपाधियों और विजयों का वर्णन है।
27. जालौर पर अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय विश्वासघात करने वाला दहिया सरदार कौन था?
- रणमल
- रतिपाल
- बीका दहिया
- कमालुद्दीन गुर्ग
उत्तर: (3) बीका दहिया
विस्तृत उत्तर: जब 1311 ई. में अलाउद्दीन खिलजी की सेना लंबे समय तक जालौर दुर्ग को जीत नहीं पाई, तब कान्हड़देव के एक सरदार बीका दहिया ने लालच में आकर खिलजी की सेना को किले का गुप्त मार्ग बता दिया। इसके कारण तुर्की सेना किले में प्रवेश कर गई और कान्हड़देव वीरगति को प्राप्त हुए।
28. निम्नलिखित में से कौन सा पुरातात्विक स्थल लूनी नदी के किनारे स्थित है?
- बागोर
- नोह
- तिलवाड़ा
- गिलूण्ड
उत्तर: (3) तिलवाड़ा
विस्तृत उत्तर: तिलवाड़ा बाड़मेर जिले में लूनी नदी के तट पर स्थित एक महत्वपूर्ण मध्यपाषाणिक और नवपाषाणिक स्थल है। यहाँ से पशुपालन के साक्ष्य और अग्नि कुंड के प्रमाण मिले हैं। यह स्थल प्रसिद्ध मल्लीनाथ पशु मेले के लिए भी जाना जाता है।
29. डॉ. जी.एच. ओझा के अनुसार 'गुर्जर-प्रतिहार' कौन थे?
- विदेशी हूणों के वंशज
- विशुद्ध सूर्यवंशी क्षत्रिय
- ब्राह्मण वंश से उत्पन्न
- अग्निकुंड से उत्पन्न
उत्तर: (2) विशुद्ध सूर्यवंशी क्षत्रिय
विस्तृत उत्तर: प्रसिद्ध इतिहासकार गौरीशंकर हीराचंद ओझा ने विदेशी उत्पत्ति के मत का खंडन करते हुए गुर्जर प्रतिहारों को विशुद्ध सूर्यवंशी क्षत्रिय माना है। वे इन्हें भगवान राम के भाई लक्ष्मण का वंशज मानते हैं, जैसा कि ग्वालियर प्रशस्ति में भी उल्लेखित है।
30. डडीकर पुरातात्विक स्थल, जहाँ से 5000 से 7000 वर्ष पुराने शैल चित्र मिले हैं, किस जिले में है?
- जयपुर
- सीकर
- भरतपुर
- अलवर
उत्तर: (4) अलवर
विस्तृत उत्तर: अलवर जिले में स्थित डडीकर नामक स्थान से प्राचीन शैलाश्रय प्राप्त हुए हैं, जिनमें आदिमानव द्वारा बनाए गए शैल चित्र मौजूद हैं। ये चित्र प्रागैतिहासिक काल के मानव जीवन की झांकी प्रस्तुत करते हैं और लगभग 5000 से 7000 वर्ष पुराने माने जाते हैं।
31. किस चौहान शासक को 'दलपंगुल' (विश्व विजेता) की उपाधि प्राप्त थी?
- विग्रहराज चतुर्थ
- अजयराज
- अर्णोराज
- पृथ्वीराज चौहान तृतीय
उत्तर: (4) पृथ्वीराज चौहान तृतीय
विस्तृत उत्तर: पृथ्वीराज चौहान तृतीय अपनी वीरता और विजयों के कारण अत्यंत प्रसिद्ध हुए। उनके दरबारी कवि जयानक ने अपने ग्रंथ 'पृथ्वीराज विजय' में उन्हें 'दलपंगुल' की उपाधि से विभूषित किया है, जिसका अर्थ 'विश्व विजेता' होता है।
32. तिलवाड़ा और बागोर नामक स्थल क्रमशः किस काल से संबंधित हैं?
- पुरापाषाण काल
- मध्यपाषाण काल
- नवपाषाण काल
- ताम्रपाषाण काल
उत्तर: (2) मध्यपाषाण काल
विस्तृत उत्तर: तिलवाड़ा (बाड़मेर) और बागोर (भीलवाड़ा) दोनों ही राजस्थान में मध्यपाषाण काल (Mesolithic Age) के प्रमुख स्थल हैं। इन स्थलों से सूक्ष्म पाषाण उपकरण (microliths) और पशुपालन के प्रारंभिक साक्ष्य मिले हैं।
33. नलियासर पुरातात्विक स्थल कहाँ स्थित है?
- सीकर
- जयपुर (सांभर)
- अजमेर
- नागौर
उत्तर: (2) जयपुर (सांभर)
विस्तृत उत्तर: नलियासर जयपुर जिले में सांभर के निकट स्थित एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है। यहाँ से चौहान युग से पहले के कुषाण, इंडो-ग्रीक और आहत सिक्के बड़ी संख्या में मिले हैं, जो इसकी प्राचीनता और व्यापारिक महत्व को दर्शाते हैं।
34. 'तारीख-उल-हिन्द' का लेखक अल-बरूनी किस आक्रमणकारी के साथ भारत आया था?
- मुहम्मद गोरी
- महमूद गजनवी
- तैमूर लंग
- चंगेज खान
उत्तर: (2) महमूद गजनवी
विस्तृत उत्तर: फारसी विद्वान अल-बरूनी, महमूद गजनवी के साथ 11 वीं सदी में भारत आया था। उसने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ 'किताब-उल-हिन्द' या 'तारीख-उल-हिन्द' में तत्कालीन भारतीय समाज, धर्म, विज्ञान और रीति-रिवाजों का सजीव वर्णन किया है।
35. राजस्थान में बौद्ध धर्म का सबसे प्रमुख केंद्र कौन सा पुरातात्विक स्थल रहा है?
- नगरी
- आहड़
- कालीबंगा
- बैराठ
उत्तर: (4) बैराठ
विस्तृत उत्तर: बैराठ (विराटनगर), जो मत्स्य जनपद की राजधानी थी, राजस्थान में बौद्ध संस्कृति का सबसे बड़ा केंद्र रहा है। यहाँ से अशोक के शिलालेखों, गोल मंदिर, बौद्ध मठ (विहार) के अवशेष और बुद्ध की अस्थियों सहित स्वर्ण मंजूषा मिली है, जो इसके बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र होने की पुष्टि करते हैं।
36. 'हम्मीर मद मर्दन' नामक ग्रंथ के रचयिता कौन हैं, जिसमें इल्तुतमिश के रणथम्भौर अभियान का वर्णन है?
- नयनचंद्र सूरी
- जयसिंह सूरी
- चंद्रशेखर
- सारंगधर
उत्तर: (2) जयसिंह सूरी
विस्तृत उत्तर: जयसिंह सूरी द्वारा रचित संस्कृत ग्रंथ 'हम्मीर मद मर्दन' में रणथम्भौर के चौहान शासक हम्मीर के पूर्वज वीरनारायण के समय दिल्ली सुल्तान इल्तुतमिश के रणथम्भौर पर असफल आक्रमण का वर्णन किया गया है।
37. किस सभ्यता के उत्खनन से मिट्टी की बनी वृषभ (बैल) की आकृतियाँ बड़ी संख्या में मिली हैं, जिन्हें 'बनासियन बुल' की संज्ञा दी गई है?
- कालीबंगा
- गणेश्वर
- आहड़
- बागोर
उत्तर: (3) आहड़
विस्तृत उत्तर: आहड़ और उसके आसपास के बनास संस्कृति के स्थलों से उत्खनन में पकी हुई मिट्टी से बनी बैल की छोटी-छोटी मूर्तियाँ (मृण्मूर्तियाँ) बड़ी संख्या में मिली हैं। इन विशिष्ट शैली की मूर्तियों को पुरातत्वविदों ने 'बनासियन बुल' (बनास का बैल) नाम दिया है।
38. 'वंश भास्कर' के रचयिता सूर्यमल्ल मिश्रण किस राज्य के दरबारी कवि थे?
- मेवाड़
- मारवाड़
- बूंदी
- कोटा
उत्तर: (3) बूंदी
विस्तृत उत्तर: महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण, जिन्हें 'राजस्थान का वेदव्यास' भी कहा जाता है, बूंदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी कवि थे। उन्होंने 'वंश भास्कर' और 'वीर सतसई' जैसे डिंगल भाषा के प्रसिद्ध ग्रंथों की रचना की।
39. जोधपुर के निकट ओसियां में स्थित मंदिर समूह किस राजवंश की देन हैं?
- राठौड़
- गुहिल
- चौहान
- गुर्जर-प्रतिहार
उत्तर: (4) गुर्जर-प्रतिहार
विस्तृत उत्तर: जोधपुर के पास स्थित ओसियां अपने भव्य मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। इन मंदिरों का निर्माण 8वीं से 12वीं शताब्दी के बीच गुर्जर प्रतिहार शासकों द्वारा करवाया गया था।
40. किस पुरातात्विक स्थल का प्राचीन नाम 'अघट्टपुर' या 'अघाटदुर्ग' था?
- नागदा
- गिलूण्ड
- आहड़
- नगरी
उत्तर: (3) आहड़
विस्तृत उत्तर: उदयपुर के पास स्थित आहड़ सभ्यता स्थल को 10वीं-11वीं शताब्दी में 'अघट्टपुर' या 'अघाटदुर्ग' के नाम से जाना जाता था। यह उस समय एक समृद्ध नगर और मेवाड़ के शासकों का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
41. किस इतिहासकार ने कालीबंगा को 'सिंधु घाटी साम्राज्य की तीसरी राजधानी' कहा है?
- जी.एच. ओझा
- अमलानंद घोष
- डॉ. दशरथ शर्मा
- आर.सी. अग्रवाल
उत्तर: (3) डॉ. दशरथ शर्मा
विस्तृत उत्तर: प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. दशरथ शर्मा ने कालीबंगा के पुरातात्विक महत्व, नगर नियोजन और हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो से इसकी समानताओं को देखते हुए इसे 'सिंधु घाटी साम्राज्य की तीसरी राजधानी' कहा है।
42. चौहान शासक पृथ्वीराज तृतीय के पिता कौन थे?
- अर्णोराज
- विग्रहराज चतुर्थ
- सोमेश्वर
- अजयराज
उत्तर: (3) सोमेश्वर
विस्तृत उत्तर: पृथ्वीराज चौहान तृतीय के पिता का नाम सोमेश्वर चौहान था। सोमेश्वर की मृत्यु के बाद 1177 ई. में पृथ्वीराज मात्र 11 वर्ष की अल्पायु में अजमेर के सिंहासन पर बैठे थे।
43. 'ललित विग्रहराज' नाटक की रचना किसने की थी?
- विग्रहराज चतुर्थ
- सोमदेव
- राजशेखर
- जयानक
उत्तर: (2) सोमदेव
विस्तृत उत्तर: सोमदेव चौहान शासक विग्रहराज चतुर्थ 'बीसलदेव' के दरबारी कवि थे। उन्होंने 'ललित विग्रहराज' नामक नाटक की रचना की थी, जिसमें विग्रहराज चतुर्थ और इन्द्रपुर की राजकुमारी देसलदेवी की प्रेम कथा का वर्णन है।
44. किराडू का सोमेश्वर मंदिर और आभानेरी का हर्षत माता मंदिर किस स्थापत्य शैली में बने हैं?
- द्रविड़ शैली
- मौर्य शैली
- गुर्जर-प्रतिहार शैली
- गुप्त शैली
उत्तर: (3) गुर्जर-प्रतिहार शैली
विस्तृत उत्तर: बाड़मेर में किराडू का सोमेश्वर मंदिर और दौसा में आभानेरी का हर्षत माता मंदिर, दोनों ही गुर्जर प्रतिहार कालीन स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इस शैली को 'महा-मारू' शैली भी कहा जाता है।
45. मंडोर के किस प्रतिहार शासक ने अपनी राजधानी मंडोर से मेड़ता स्थानांतरित की थी?
- रज्जिल
- बाऊक
- नागभट्ट प्रथम
- कक्कुट
उत्तर: (3) नागभट्ट प्रथम
विस्तृत उत्तर: मंडोर के प्रतिहार शासक नागभट्ट प्रथम ने अपनी शक्ति का विस्तार करते हुए अपनी राजधानी को मंडोर से मेड़ता (जोधपुर) स्थानांतरित किया था।
46. फारसी इतिहासकारों ने किस चौहान शासक को 'हिन्दू शासकों में सबसे महान' और 'राय पिथौरा' कहा है?
- विग्रहराज चतुर्थ
- पृथ्वीराज चौहान तृतीय
- अर्णोराज
- हम्मीर देव चौहान
उत्तर: (2) पृथ्वीराज चौहान तृतीय
विस्तृत उत्तर: पृथ्वीराज चौहान तृतीय की वीरता और मुहम्मद गोरी से उनके संघर्ष के कारण फारसी इतिहासकारों ने भी उनकी प्रशंसा की है। उन्होंने पृथ्वीराज को 'राय पिथौरा' के नाम से संबोधित किया और उन्हें उस समय के भारत के सबसे शक्तिशाली और महान हिन्दू शासकों में से एक माना।
47. जूनाखेड़ा नामक पुरातात्विक स्थल कहाँ स्थित है?
- पाली
- नागौर
- जालौर
- बाड़मेर
उत्तर: (1) पाली
विस्तृत उत्तर: जूनाखेड़ा पाली जिले में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है। यहाँ से पूर्व-गुप्तकालीन और गुप्तकालीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं, जो इस क्षेत्र की प्राचीनता को दर्शाते हैं।
48. चित्तौड़ के त्रिभुवन नारायण मंदिर (या मोकल जी का मंदिर) का निर्माण किस वंश के शासक ने करवाया था?
- गुहिल वंश
- परमार वंश
- चौहान वंश
- प्रतिहार वंश
उत्तर: (2) परमार वंश
विस्तृत उत्तर: चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित इस भव्य शिव मंदिर का निर्माण मूल रूप से मालवा के परमार शासक राजा भोज ने करवाया था, इसलिए इसे 'भोजस्वामिन मंदिर' भी कहा जाता था। बाद में महाराणा मोकल ने इसका जीर्णोद्धार करवाया, जिसके कारण इसे 'समिद्धेश्वर मंदिर' या 'मोकल जी का मंदिर' भी कहते हैं।
49. 'अचलदास खींची री वचनिका' ग्रंथ से किस युद्ध की जानकारी मिलती है?
- चित्तौड़ का प्रथम साका
- गागरोन का प्रथम साका
- रणथम्भौर का साका
- सिवाना का साका
उत्तर: (2) गागरोन का प्रथम साका
विस्तृत उत्तर: शिवदास गाडण द्वारा रचित 'अचलदास खींची री वचनिका' एक डिंगल गद्य-पद्य कृति है। इसमें गागरोन के शासक अचलदास खींची और मालवा के सुल्तान होशंगशाह के बीच हुए युद्ध (1423 ई.) का वर्णन है, जो गागरोन के प्रथम साके के रूप में जाना जाता है।
50. कुरड़ा पुरातात्विक स्थल, जिसे 'औजारों की नगरी' कहा जाता है, किस जिले में स्थित है?
- जोधपुर
- पाली
- नागौर
- सीकर
उत्तर: (3) नागौर
विस्तृत उत्तर: नागौर जिले की परबतसर तहसील में स्थित कुरड़ा एक प्रमुख ताम्रयुगीन स्थल है। यहाँ से बड़ी संख्या में उच्च गुणवत्ता वाले तांबे के उपकरण (औजार) प्राप्त हुए हैं, जिसके कारण इस स्थल को 'औजारों की नगरी' की उपमा दी जाती है।